इस डायरी के पन्नों में मेरे कुछ एहसास हैं जिसे मैंने कविताओं और शायरी की शक्लों में उतारने का (असफल) प्रयास किया है.अगर इस डायरी को पढने के बाद मेरे प्रति आपके विचार में कोई परिवर्तन आते हैं तो इसके लिए माफ़ी चाहूँगा,पर किसी भी व्यक्ति की पूरी जिन्दगी में कई क्षण ऐसे तो आते ही हैं जब वो भावनात्मकं हो जाता है और कभी दर्द तो कभी संतुष्टि का एहसास करता है.
आपकी टिप्पणी का मैं स्वागत करूंगा........
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