हमें क्या मिला ?

छोड़ के चले जाओगे यूँ ,
उम्मीद थी मुझको
छुड़ा के दामन चले जाओगे यूँ
विश्वास था मुझको
वादा करके भूल जाओगे यूँ ,
ऐतवार था मुझको

बदलते मौसम की तरह उनके रंग बदलते हैं ।
कभी खफा तो कभी प्यार का
वे दम भरते हैं ।

मेरे दिल की धड़कन बन जाइए
तमन्ना ये मेरी है ।
साँसों में मेरी बस जाइए
गुजारिश यह मेरी है ।
प्यार में कोई शर्त न हो
अर्ज यह मेरी है ।

कितना अच्छा होता..
गर तुम न मिलते..
कभी प्यार न होता हममे ,
दुनिया की नजरों में
हम न खटकते ।

हमें क्या मिला...
प्यार करके।
तुम्हारी बेवफाई,
लोगों की आलोचनाओं
के सिवा ।



No comments:

Post a Comment